Thursday, May 7, 2009

एक एहसास

बेवफा समझना,
अगर प्यार निभा पाए

गुस्ताखी समझना
अगर दोस्ती भी निभा पाए

बस इतना जान लेना -
जितनी प्यार तुमसे करी थी
कभी की है ही कर पाएंगे

छोड़कर चले अगर राह हमारी
मुड़कर ज़रूर देखा करिए

कभी हम याद आए
तो इस मोहब्बत की कदर ज़रूर कीजिये!!


2 comments:

  1. one of the oldies if im not wrong?

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  2. first visit to the blog..you write beautiful...i think you should change it to
    "jitna pyar tumse kiya tha"

    Kari is mumbai lingo :)

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